作曲 : Agam Aggarwal
作词 : Traditional
श्यामा हृदय कमल सो प्रगट्यौ और श्याम हृदय कू भाए वृन्दावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
सब सुख सागर रूप उजागर, रहे वृंदावन धाम रूप गोस्वामी प्रगट कियो जहा गोविंद रूप निधान वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
बिहरत निसदिन कुंज गलीन में ब्रज जन मन सुख धाम मदन मोहन को रुप निरख के, सनातन बली बली जाए वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
गोपी ग्वाल सब हिय उर धारे, प्यारो गोपीनाथ मधुसूदन जिन कंठ लगायो, जहा है रही जय जय कार वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
गोपाल भट्ट कि हृदय वेदना, प्रगट्यौ शालिग्राम रुप सुधा को रवान हमारो, श्री राधारमण जु लाल वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
आतुर है हरिवंश पुकारो, श्री राधा राधा नाम सघन कुंज यमुना तट आयो, श्री राधावल्लभ लाल वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
युगल किशोर कु लाड लडायो, नवल कुंज हिय माए कुंज निकुंजन कि रज धारे, व्यास युगल यश गाए वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
भुवन चतुर्दश की सुंदरता, निधीवन करत बिहार श्यामा प्यारी कुंज (बाके बिहारी, और जय जय श्री हरिदास वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
जिनकी कृपा से यह रस प्रगट्यौ, वृंदावन अभिराम सप्तनिधीन को हिय उजियारो, हम सब को है प्राण पियारो
हमारो गिरधर लाल वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
श्यामा हृदय कमल सो प्रगट्यौ और श्याम हृदय कू भाए वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
作曲 : Agam Aggarwal
作词 : Traditional
श्यामा हृदय कमल सो प्रगट्यौ और श्याम हृदय कू भाए वृन्दावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
सब सुख सागर रूप उजागर, रहे वृंदावन धाम रूप गोस्वामी प्रगट कियो जहा गोविंद रूप निधान वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
बिहरत निसदिन कुंज गलीन में ब्रज जन मन सुख धाम मदन मोहन को रुप निरख के, सनातन बली बली जाए वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
गोपी ग्वाल सब हिय उर धारे, प्यारो गोपीनाथ मधुसूदन जिन कंठ लगायो, जहा है रही जय जय कार वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
गोपाल भट्ट कि हृदय वेदना, प्रगट्यौ शालिग्राम रुप सुधा को रवान हमारो, श्री राधारमण जु लाल वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
आतुर है हरिवंश पुकारो, श्री राधा राधा नाम सघन कुंज यमुना तट आयो, श्री राधावल्लभ लाल वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
युगल किशोर कु लाड लडायो, नवल कुंज हिय माए कुंज निकुंजन कि रज धारे, व्यास युगल यश गाए वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
भुवन चतुर्दश की सुंदरता, निधीवन करत बिहार श्यामा प्यारी कुंज (बाके बिहारी, और जय जय श्री हरिदास वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
जिनकी कृपा से यह रस प्रगट्यौ, वृंदावन अभिराम सप्तनिधीन को हिय उजियारो, हम सब को है प्राण पियारो
हमारो गिरधर लाल वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
श्यामा हृदय कमल सो प्रगट्यौ और श्याम हृदय कू भाए वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन