作词 : Traditional
作曲 : Ravi Tripathi
गदा हाथ ले शत्रु विनाशों
हे अंजनी के लाल
राम कसम तोहें संकट में
रखना मुझे संभाल
मुखड़ा-
जय हनुमान,जय हनुमान
जय हनुमान, जय हनुमान
खुद के बल से भी हो, अनजान
जय हनुमान, जय हनुमान
जय हनुमान, जय हनुमान
अंतरा-
तुम्हारी उछाल पर्वत पताल
असुरों के तुम हो महाकाल
हे अंश रूद्र हे पवनपुत्र
हे राम भक्त सुग्रीव मित्र
दूतों में तुमसा दूत कहां
पूतों में पूत कहां
ना कोई तुमसे पार गया
वज्र इंद्र का हार गया
धौलागिरी वाहक लंका दाहक
घृत सिंदूर के तुम हो चाहक
दिया लखन को जीवनदान...
जय हनुमान जय हनुमान
जय हनुमान जय हनुमान
अंतरा-२
तुम धीर बड़े तुम वीर बड़े
सागर को लाघां खड़े-खड़े
तुम सुक्ष्म प्रभु तुम महा विराट
बल बुद्धि विद्या के सम्राट
हे महाकपि महातपि
राम सिया की हृदय छवि
हे वज्र अंग प्रभु राम संग
तन तोरे साजे लाल रंग
अंतहीन बल चपल चलंता
राम सेतु के तुम अभियंता
अर्क भी तुमसे दूर नहीं
हे मर्कट बलवान...
जय हनुमान जय हनुमान
जय हनुमान जय हनुमान
अंतरा-
तेजवान तुम वेगवान तुम
हर पल जपते राम राम तुम
धरा ब्योम पाताल या सागर
भूत परेत पिशाच निशाचर
तृण समान है सब तेरे आगे
राम काज भी है तेरे कांधे
वैदेही का पता लगाया
राम सिया का मिलन कराया
रावण सुत अहिरावण हंता
महाबली जै जै हनुमंता
कितना करूं बखान
जय हनुमान जय हनुमान
खुद के बल से भी हो अनजान
जय हनुमान जय हनुमान...
作词 : Traditional
作曲 : Ravi Tripathi
गदा हाथ ले शत्रु विनाशों
हे अंजनी के लाल
राम कसम तोहें संकट में
रखना मुझे संभाल
मुखड़ा-
जय हनुमान,जय हनुमान
जय हनुमान, जय हनुमान
खुद के बल से भी हो, अनजान
जय हनुमान, जय हनुमान
जय हनुमान, जय हनुमान
अंतरा-
तुम्हारी उछाल पर्वत पताल
असुरों के तुम हो महाकाल
हे अंश रूद्र हे पवनपुत्र
हे राम भक्त सुग्रीव मित्र
दूतों में तुमसा दूत कहां
पूतों में पूत कहां
ना कोई तुमसे पार गया
वज्र इंद्र का हार गया
धौलागिरी वाहक लंका दाहक
घृत सिंदूर के तुम हो चाहक
दिया लखन को जीवनदान...
जय हनुमान जय हनुमान
जय हनुमान जय हनुमान
अंतरा-२
तुम धीर बड़े तुम वीर बड़े
सागर को लाघां खड़े-खड़े
तुम सुक्ष्म प्रभु तुम महा विराट
बल बुद्धि विद्या के सम्राट
हे महाकपि महातपि
राम सिया की हृदय छवि
हे वज्र अंग प्रभु राम संग
तन तोरे साजे लाल रंग
अंतहीन बल चपल चलंता
राम सेतु के तुम अभियंता
अर्क भी तुमसे दूर नहीं
हे मर्कट बलवान...
जय हनुमान जय हनुमान
जय हनुमान जय हनुमान
अंतरा-
तेजवान तुम वेगवान तुम
हर पल जपते राम राम तुम
धरा ब्योम पाताल या सागर
भूत परेत पिशाच निशाचर
तृण समान है सब तेरे आगे
राम काज भी है तेरे कांधे
वैदेही का पता लगाया
राम सिया का मिलन कराया
रावण सुत अहिरावण हंता
महाबली जै जै हनुमंता
कितना करूं बखान
जय हनुमान जय हनुमान
खुद के बल से भी हो अनजान
जय हनुमान जय हनुमान...