作词 : Omkar Bhat
राह पे मेरी चलना मुझे
बातें ये मेरी कहना मुझे
मैं न लिखूँ गर, न कुछ कहूँ
अपने ज़ेहन में कैसे रहूँ
आ तू भी मेरे ख़्वाबों को सुन
आई है तुझसे ही तो ये धुन
इनमें छुपा जो दिल है मेरा
अपना समझ के रख ले पिया
作词 : Omkar Bhat
राह पे मेरी चलना मुझे
बातें ये मेरी कहना मुझे
मैं न लिखूँ गर, न कुछ कहूँ
अपने ज़ेहन में कैसे रहूँ
आ तू भी मेरे ख़्वाबों को सुन
आई है तुझसे ही तो ये धुन
इनमें छुपा जो दिल है मेरा
अपना समझ के रख ले पिया